झारखंड विधानसभा ने पारित किया प्रस्ताव, शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की उठी मांग

Shibu Soren News: झारखंड की राजनीति और आदिवासी अस्मिता के सबसे बड़े प्रतीक दिशोम गुरु शिबू सोरेन को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग तेज हो गई है। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को सदन ने इस संबंध में एकमत से संकल्प पारित किया। अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

दिशोम गुरु झारखंड के सर्वोच्च और सर्वमान्य आदिवासी नेता थे. अलग झारखंड राज्य के लिए उन्होंने लगातार आंदोलन किया. 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया.

विधानसभा में पेश हुआ प्रस्ताव
यह संकल्प प्रदेश के परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा ने सदन में प्रस्तुत किया। सभी दलों के विधायकों ने इसका समर्थन किया और शिबू सोरेन के योगदान को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। विधायकों ने कहा कि अलग झारखंड राज्य का अस्तित्व और आज की आदिवासी राजनीति, दोनों ही शिबू सोरेन की जीवन भर की लड़ाई और नेतृत्व का परिणाम हैं।

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4 अगस्त को हुआ निधन
गौरतलब है कि शिबू सोरेन का 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन के बाद राज्य भर में शोक की लहर दौड़ गई और हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

झारखंड आंदोलन का चेहरा
शिबू सोरेन 1970 के दशक से ही झारखंड राज्य की मांग को लेकर आंदोलनों का नेतृत्व करते रहे। उन्होंने आदिवासी अस्मिता, जल-जंगल-जमीन और सामाजिक न्याय की आवाज को राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाया। 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य के गठन को उनका सबसे बड़ा राजनीतिक और सामाजिक योगदान माना जाता है।

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राजनीति और विरासत
सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे और कई बार लोकसभा व राज्यसभा के सदस्य चुने गए। वे केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। लेकिन उनकी सबसे बड़ी पहचान एक जननायक और दिशोम गुरु की रही, जिन्होंने आदिवासी समाज को मुख्यधारा की राजनीति में जगह दिलाई।

भारत रत्न की मांग
अब झारखंड विधानसभा की सिफारिश के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान करने पर विचार करेगी। विधानसभा में पारित संकल्प ने इस मांग को औपचारिक रूप दे दिया है और इसे राज्य की जनता की भावनाओं का प्रतीक बताया जा रहा है।

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