प्रयागराज में बाढ़ की विभीषिका: गंगा–यमुना दोनों खतरे की सीमा पार कर स्थिति भयावह

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भारी बारिश से तबाही

प्रयागराज में लगातार हो रही तेज बारिश ने गंगा और यमुना दोनों नदियों के जलस्तर को खतरे के निशान से ऊपर पहुँचा दिया है। नदियों में आई इस बाढ़ ने शहर के निचले और घनी आबादी वाले इलाकों को पूरी तरह डुबो दिया है। कई जगहों पर पानी घरों की छतों तक पहुँच चुका है और सड़कों का नामोनिशान मिट चुका है।

प्रशासन के अनुसार, जिले के 60 से अधिक वार्ड और 40 से ज्यादा मोहल्ले बाढ़ की चपेट में हैं। खासतौर पर शिवकुटी, राजापुर, सलोरी, मीरापुर और दारागंज जैसे इलाकों में हालात बेहद गंभीर हैं। इन इलाकों में 10,000 से अधिक घरों में पानी भर गया है, जिससे हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।

बाढ़ के चलते कई प्रभावित क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है। ट्रांसफॉर्मर डूब जाने और बिजली के तारों में करंट फैलने के खतरे को देखते हुए कई इलाकों में एहतियातन बिजली काट दी गई है। इसके अलावा, मोबाइल नेटवर्क भी बाधित हो गया है, जिससे आपात स्थिति में संपर्क करना मुश्किल हो गया है।

राहत शिविरों की स्थिति

प्रशासन ने 17 से अधिक राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां अब तक 6,000 से ज्यादा लोग (करीब 1,300 परिवार) शरण ले चुके हैं। इन शिविरों में प्रशासन द्वारा भोजन, साफ पानी, प्राथमिक चिकित्सा और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। हालांकि, कई स्थानों से शिकायतें आई हैं कि राहत सामग्री और दवाओं की कमी महसूस हो रही है।

NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और PAC (प्रांतीय सशस्त्र बल) की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। लोगों को नावों, ट्रैक्टरों और अन्य संसाधनों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।

दर्दनाक हादसा

बाढ़ के पानी से भरे एक गहरे गड्ढे में गिरने से चार मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा पूरे शहर को झकझोर गया और प्रशासन की सतर्कता व सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह गड्ढा पहले से खुला पड़ा था और उसकी घेराबंदी नहीं की गई थी।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बाढ़ पीड़ितों को उचित सहायता नहीं मिल रही है। उन्होंने राहत कार्यों को नाकाफी बताते हुए कहा कि लोग भूखे-प्यासे हैं, बीमार हैं, लेकिन सरकार फोटो खिंचवाने में व्यस्त है। वहीं, डिप्टी मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हवाई सर्वेक्षण के दौरान कहा कि सरकार पूरी तरह से सक्रिय है और हर जरूरतमंद को मदद पहुंचाई जा रही है।

मौसम विभाग की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है। खासकर 9 और 10 अगस्त को भारी वर्षा की आशंका जताई गई है, जिससे गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर और भी बढ़ सकता है। इस चेतावनी ने प्रशासन और स्थानीय नागरिकों की चिंता को और बढ़ा दिया है।

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