अमेरिका में बढ़ा किसिंग बग से फैलने वाला ख़तरा: चागस रोग पर न रिपोर्ट

अमेरिका में एक नई स्वास्थ्य चुनौती तेजी से सामने आ रही है। “किसिंग बग” यानी चूमने वाले कीड़े से फैलने वाली चागस बीमारी (Chagas Disease) अब वहाँ तेजी से फैलने लगी है। यह रोग पहले सिर्फ लैटिन अमेरिका और दक्षिणी अमेरिकी देशों तक सीमित माना जाता था, लेकिन हाल ही में प्रकाशित CDC (Centers for Disease Control and Prevention) की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यह बीमारी अमेरिका में भी बढ़ती जा रही है।

चागस रोग ट्रायपैनोसोमा क्रूज़ी (Trypanosoma cruzi) नामक परजीवी से होता है। यह परजीवी मुख्यतः “किसिंग बग” नामक कीड़े के काटने से इंसान के खून में प्रवेश करता है। इसे किसिंग बग इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह कीड़ा अक्सर इंसानों के चेहरे, होंठों और आँखों के आसपास काटता है। इस कीड़े का मल संक्रमित होता है और जब इंसान अनजाने में इसे खुजाकर या रगड़कर आँखों या घावों में पहुँचा देता है, तो परजीवी शरीर के अंदर चला जाता है।

चागस रोग को “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर हल्के या नजरअंदाज करने लायक होते हैं। शुरुआत में बुखार, थकान, शरीर में दर्द, सूजन या त्वचा पर लालपन दिखाई दे सकता है। लेकिन लंबे समय तक इलाज न मिलने पर यह बीमारी दिल और पाचन तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। कई मामलों में यह दिल की धड़कन अनियमित होने, हृदय विफलता और अचानक मौत तक का कारण बन सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में हजारों लोग पहले से इस रोग से संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी है। क्योंकि यह बीमारी लंबे समय तक छिपी रहती है और अक्सर इसका पता तब चलता है जब मरीज में गंभीर हृदय संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो चुकी होती हैं।

अभी तक चागस रोग का कोई निश्चित टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन शुरुआती चरण में इसका इलाज एंटी-पैरासाइटिक दवाओं से किया जा सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि यदि रोग समय रहते पकड़ में आ जाए तो इसका प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में अब “किसिंग बग” की संख्या और इसके संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए लोगों को सावधानी बरतने की ज़रूरत है—जैसे घरों में स्वच्छता बनाए रखना, कीड़ों से बचाव करना और किसी भी संदिग्ध लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना।


कुल मिलाकर, चागस रोग अब केवल लैटिन अमेरिका की समस्या नहीं रह गया है, बल्कि यह अमेरिका जैसे विकसित देशों के लिए भी एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बनता जा रहा है।

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