कपास किसानों पर संकट, आयात शुल्क हटाने के फैसले पर गरजे केजरीवाल

Delhi News: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने अमेरिकी दबाव में आकर कपास (कॉटन) पर लगने वाली 11 प्रतिशत आयात शुल्क (ड्यूटी) हटा दी है। उन्होंने दावा किया कि इस फैसले से देश के करोड़ों किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएंगे।

केजरीवाल ने कहा कि अब अमेरिका से आने वाली कपास भारतीय कपास से 15-20 रुपये प्रति किलो सस्ती होगी। इससे देश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री विदेशी कपास खरीद लेगी और जब भारतीय किसान अपनी उपज बाजार में लाएंगे तो खरीदार नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों ने कर्ज लेकर कपास की बिजाई की है, लेकिन यह फैसला उनकी मेहनत पर पानी फेर देगा।

उन्होंने याद दिलाया कि पिछले साल भी किसानों को औने-पौने दाम पर कपास बेचनी पड़ी थी, और इस बार हालात और भी खराब हो सकते हैं। महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां कपास किसान आत्महत्या की घटनाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। केवल जनवरी से मार्च 2025 के बीच ही 767 किसानों ने आत्महत्या की है।

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केजरीवाल ने अंतरराष्ट्रीय तुलना करते हुए कहा कि अमेरिका पर यूरोपीय यूनियन ने 50 प्रतिशत, चीन ने 125 प्रतिशत और कनाडा ने 35 प्रतिशत तक टैरिफ लगाए हैं। लेकिन मोदी सरकार ने अमेरिकी दबाव में झुकते हुए आयात शुल्क पूरी तरह खत्म कर दिया।

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उन्होंने कहा, “किसानों की हालत पहले ही खराब है, कर्ज और आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में यह फैसला किसानों के साथ विश्वासघात है।”

इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी ने घोषणा की है कि 7 सितंबर को गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के चोटिला में एक बड़ी किसान जनसभा आयोजित की जाएगी। इस सभा के जरिए AAP केंद्र सरकार पर दबाव बनाएगी और अमेरिकी कपास पर पुनः ड्यूटी लगाने की मांग करेगी।

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