Parliament Mansoon Session: सोमवार संसद की कार्यवाही प्रारंभ होने पर संसद के दोनों सदनों, लोकसभा व राज्यसभा में विपक्षी दलों के सांसदों ने एक बार फिर से जमकर नारेबाजी और हंगामा किया। विपक्ष के ये सांसद मतदाता सूची व चुनावी लोकतंत्र संबंधी विषयों समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे थे। विपक्ष का कहना था कि सदन के अन्य सभी विषयों को स्थगित करके सबसे पहले ये चर्चा कराई जाए।
राज्यसभा के उपसभापति ने पहले से तय नियमों का हवाला दिया और विपक्ष को अनुमति नहीं मिली। अनुमति न मिलने पर सदन में हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। राज्यसभा के उपसभापति ने सोमवार को सदन के भीतर बताया कि उन्हें विभिन्न सांसदों ने नियम 267 के तहत चर्चा के 19 नोटिस दिए हैं। नियम 267 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित कर चर्चा कराई जाती है। इस चर्चा के उपरांत वोटिंग भी हो सकती है।
उपसभापति हरिवंश नारायण ने बताया कि उन्होंने 19 नोटिस मिलें हैं जिनमें चार अलग-अलग विषयों पर चर्चा की मांग की गई है। उपसभापति ने यह भी बताया कि कई सदस्यों ने ऐसे विषयों पर चर्चा की मांग उठाई है जो कि न्यायालय में विचाराधीन हैं। उपसभापति ने कहा कि अदालत में लंबित मामलों पर सदन में चर्चा नहीं की जाती है। इसके साथ उन्होंने कहा कि 11 सदस्यों द्वारा दिए गए नोटिस सही तरह से नियमों का पालन करते हुए नहीं दिए गए हैं। इसके साथ ही उपसभापति ने नियम 267 पर पूर्व में लिए गए निर्णय का हवाला दिया और सभी नोटिसों को अस्वीकार कर दिया।
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इसके बाद विपक्षी सांसद अपने स्थानों से खड़े होकर आगे आ गए और जमकर नारेबाजी करने लगे। सदन में हंगामा होता देख उप उपसभापति ने सांसदों से अपने स्थान पर वापस जाकर बैठने को कहा। उन्होंने राज्यसभा में शून्यकाल एवं प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया। लेकिन विपक्षी सांसद इसके लिए राजी नहीं हुए; वे अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए और लगातार नारेबाजी करते रहे। विपक्षी सांसद अपने दिए गए विषयों पर चर्चा की मांग कर रहे थे।
सदन में हंगामा बढ़ता देख उप उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। उधर लोकसभा में कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद ही हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी सांसद अपने स्थानों से उठकर वेल में आ गए और उन्होंने लगातार नारेबाजी की। सदन में हंगामे के बीच कुछ देर प्रश्नकाल चला लेकिन हंगामा बढ़ता देख लोक लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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गौरतलब है कि सोमवार को राज्यसभा में इंडियन पोर्ट बिल आना है। केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल यह विधेयक सदन में रखेंगे। इसका उद्देश्य बंदरगाहों से संबंधित कानूनों का एकीकरण करना, एकीकृत बंदरगाह विकास को प्रोत्साहन देना, व्यापार सुगमता को बढ़ावा देना तथा भारत की समुद्री तटरेखा का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करना है। साथ ही प्रमुख बंदरगाहों के अतिरिक्त अन्य छोटे बंदरगाहों के प्रभावी प्रबंधन हेतु राज्य समुद्री बोर्डों की स्थापना और उन्हें सशक्त बनाना है।
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