BHARTI : भारत सरकार ने कृषि और खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने और कृषि-टेक स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने के लिए एक नई पहल ‘भारती’ शुरू की है। ‘भारती’ का अर्थ है भारत हब फॉर एग्रीटेक, रिसाइलेंस, एडवांसमेंट और इनक्यूबेशन फॉर एक्सपोर्ट इनेबलमेंट। इसे कृषि और खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने लॉन्च किया है।
सरकार का उद्देश्य इस पहल के माध्यम से 2030 तक कृषि निर्यात को 50 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
स्टार्टअप्स को मिलेगा सशक्तिकरण
सितंबर 2025 से शुरू होने वाला पहला पायलट बैच 100 स्टार्टअप्स को शामिल करेगा। इनमें एग्री-फूड प्रोडक्ट्स बनाने वाले, टेक्नोलॉजी-आधारित सेवा प्रदाता और इनोवेटर्स शामिल होंगे। इन स्टार्टअप्स को उत्पाद विकास, निर्यात तैयारी, रेगुलेटरी अनुपालन और ग्लोबल मार्केट एक्सेस जैसी ट्रेनिंग दी जाएगी।
चयनित स्टार्टअप्स तीन महीने के विशेष कार्यक्रम से गुजरेंगे, जिसमें उत्पाद विकास, गुणवत्ता सुधार, लॉजिस्टिक्स समाधान और निर्यात चुनौतियों से निपटने पर फोकस होगा।
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इनोवेशन पर रहेगा फोकस
भारती इनिशिएटिव का मकसद ऐसे स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है जो आधुनिक तकनीकों पर काम कर रहे हैं, जैसे कि:
- AI-आधारित गुणवत्ता नियंत्रण
- ब्लॉकचेन-सक्षम ट्रेसेबिलिटी
- IoT-आधारित कोल्ड चेन सिस्टम
- एग्री-फिनटेक सॉल्यूशंस
इसके साथ ही यह पहल नवीन पैकेजिंग, स्थिरता (Sustainability), समुद्री प्रोटोकॉल और खाद्य सुरक्षा मानकों पर भी ध्यान देगी।
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किसानों और युवाओं को मिलेगा फायदा
भारती पहल किसानों के लिए बैकवर्ड इंटीग्रेशन को बढ़ावा देगी, जिससे उत्पादन सीधे बाजार की मांग के अनुरूप होगा। इससे किसानों को बेहतर दाम मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। साथ ही, कृषि और खाद्य क्षेत्र में युवाओं और उद्यमियों को स्टार्टअप्स के जरिए नए रोजगार और अवसर मिलेंगे।
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भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा होगी मजबूत
भारती इनिशिएटिव जीआई टैग वाले उत्पादों, ऑर्गेनिक फूड, सुपरफूड्स, पशुधन उत्पादों और आयुष उत्पादों जैसे उच्च मूल्य वाले क्षेत्रों पर फोकस करेगा। इसका उद्देश्य भारत को कृषि और खाद्य निर्यात में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
सरकार का मानना है कि इस तरह की पहल से भारत के फूड प्रोसेसिंग और एग्री-टेक सेक्टर को नई दिशा मिलेगी और आने वाले वर्षों में कृषि निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी होगी।
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