Pakistan News: पाकिस्तान की स्वास्थ्य सेवाएं गहरे संकट से जूझ रही हैं। देश से नर्सों का बड़े पैमाने पर विदेशों की ओर पलायन अस्पतालों में कामकाज को चरमराने लगा है। अच्छी सैलरी, सुरक्षित माहौल और बेहतर करियर विकल्पों की तलाश में नर्सें लगातार देश छोड़ रही हैं।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कमी “किसी भी मानक से चौंकाने वाली है और बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए बेहद विनाशकारी साबित हो सकती है।”
नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी
पाकिस्तान की 24 करोड़ से अधिक आबादी के लिए कम से कम 7 लाख नर्सों की जरूरत है। लेकिन 2020 तक सिर्फ 1.16 लाख नर्सें ही पंजीकृत थीं। यह आंकड़ा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से बेहद कम है। WHO कहता है कि हर डॉक्टर पर कम से कम तीन नर्सें होनी चाहिए, जबकि पाकिस्तान में यह अनुपात केवल 0.5 नर्स प्रति डॉक्टर है।
पलायन की चिंताजनक दर
पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन एंड ओवरसीज एम्प्लॉयमेंट के मुताबिक, 2024 में विदेश जाने वाले उच्च शिक्षित पेशेवरों में 5.8% नर्सें थीं।
2019 से 2024 के बीच पाकिस्तानी नर्सों का विदेश पलायन 54% सालाना दर से बढ़ा। सिर्फ 2024 में ही 7.27 लाख पेशेवर पाकिस्तान छोड़ गए, जिनमें बड़ी संख्या मेडिकल और नर्सिंग क्षेत्र से जुड़ी थी।
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स्वास्थ्य ढांचा और कमजोर
नर्सों की कमी के कारण अस्पतालों में मरीजों को पर्याप्त देखभाल नहीं मिल पा रही है। डॉक्टरों पर अतिरिक्त बोझ है और स्वास्थ्य सेवाओं में अव्यवस्था बढ़ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में इस समय कुल मिलाकर 10 लाख से अधिक नर्सों की कमी है।
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भविष्य के लिए खतरे की घंटी
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर नर्सों का पलायन इसी रफ्तार से जारी रहा तो आने वाले समय में पाकिस्तान की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ सकती है।, “किसी भी मां का अपमान हमारी संस्कृति के खिलाफ है। विपक्ष ने आत्मघाती गलती की है। सभी दलों को आत्मचिंतन करना चाहिए।”
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