Adani Power news: भारत और भूटान के बीच ऊर्जा सहयोग को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के उद्देश्य से अडानी पावर और भूटान की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी द्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन (DGPC) ने शनिवार को एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस करार के तहत भूटान में 570 मेगावाट की वांगछू जलविद्युत परियोजना का विकास किया जाएगा।
समझौते के अनुसार, अदाणी पावर और ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्प लिमिटेड (डीजीपीसी) पीकिंग रन-ऑफ-रिवर वांगछू जलविद्युत परियोजना को बीओओटी (बनाओ, स्वामित्व रखो, चलाओ, सौंपो) मॉडल पर शुरू करेंगे।
परियोजना समझौतों पर हस्ताक्षर
समझौते पर हस्ताक्षर भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी की मौजूदगी में हुए। इस अवसर पर शेयरधारक समझौता (SHA), रियायत समझौता (CA) और बिजली खरीद समझौते (PPA) पर भी सहमति बनी।
परियोजना को बीओओटी मॉडल (Build, Own, Operate, Transfer) पर विकसित किया जाएगा। इस मॉडल के तहत अडानी पावर और DGPC संयुक्त रूप से परियोजना का निर्माण, संचालन और एक तय अवधि के बाद हस्तांतरण करेंगे।
निवेश और समयसीमा
इस परियोजना में लगभग ₹60 अरब रुपये का निवेश प्रस्तावित है। निर्माण कार्य 2026 की पहली छमाही तक शुरू होने की संभावना है और इसे पाँच वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत जलविद्युत संयंत्र के अलावा बिजली आपूर्ति से जुड़े आवश्यक बुनियादी ढाँचे का भी विकास किया जाएगा।
अडानी पावर के सीईओ एस.बी. ख्यालिया ने कहा कि भूटान सतत विकास का वैश्विक आदर्श है। यह परियोजना सर्दियों में भूटान की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगी और गर्मियों में अतिरिक्त बिजली भारत को निर्यात की जाएगी।
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भारत-भूटान ऊर्जा सहयोग की मजबूत कड़ी
DGPC के प्रबंध निदेशक दाशो छेवांग रिनज़िन ने बताया कि भारत और भूटान के बीच जलविद्युत सहयोग की शुरुआत 1960 के दशक में हुई थी और तब से यह द्विपक्षीय संबंधों की नींव बन गया है। उन्होंने कहा कि यह नई साझेदारी दोनों देशों की अर्थव्यवस्था और ऊर्जा सुरक्षा को और सशक्त बनाएगी।
भूटान की ऊर्जा रणनीति
भूटान ने 2040 तक 15,000 मेगावाट जलविद्युत क्षमता और 5,000 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा है। यह प्रयास भूटान को अगले दशक में ‘उच्च आय वाला सकल राष्ट्रीय खुशहाली (GNH) देश’ बनने की दिशा में आगे बढ़ाएगा।
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भविष्य की संभावनाएँ
यह परियोजना अडानी पावर और DGPC के बीच मई 2025 में हुए समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत शुरू की जाने वाली पहली परियोजना है। दोनों संस्थान भविष्य में और अधिक जलविद्युत परियोजनाओं पर भी सहयोग की संभावनाएँ तलाश रहे हैं।
वर्तमान में अडानी पावर, जो अडानी समूह का हिस्सा है, भारत का सबसे बड़ा निजी ताप विद्युत उत्पादक है। कंपनी की 18,110 मेगावाट स्थापित क्षमता गुजरात सहित विभिन्न राज्यों में फैली हुई है।
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