Kartavya Bhavan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर बने ‘कर्तव्य भवन’ का उद्घाटन कर दिया है। उन्होंने ‘कर्तव्य भवन’ से जुड़ी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की। उन्होंने इस अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को देश के विकास और जनसेवा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
पीएम मोदी ने एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा, “कर्तव्य पथ पर ‘कर्तव्य भवन’ जन-जन की सेवा के प्रति हमारे अटूट संकल्प और निरंतर प्रयासों का प्रतीक है। यह न केवल हमारी नीतियों और योजनाओं को लोगों तक तेजी से पहुंचाने में मददगार बनने वाला है, बल्कि इससे देश के विकास को भी एक नई गति मिलेगी। अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की मिसाल बने इस भवन को राष्ट्र को समर्पित कर बहुत ही गौरवान्वित हूं।”
कर्तव्य पथ पर कर्तव्य भवन जन-जन की सेवा के प्रति हमारे अटूट संकल्प और निरंतर प्रयासों का प्रतीक है। यह ना केवल हमारी नीतियों और योजनाओं को लोगों तक तेजी से पहुंचाने में मददगार बनने वाला है, बल्कि इससे देश के विकास को भी एक नई गति मिलेगी। अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की मिसाल बने इस… pic.twitter.com/0NUVUSOiZd
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2025
प्रधानमंत्री ने एक अन्य पोस्ट में ‘कर्तव्य भवन’ के निर्माण में लगे श्रमयोगियों की तारीफ की। उन्होंने एक्स पर लिखा, “‘कर्तव्य भवन’ विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसे गढ़ने वाले हमारे श्रमयोगियों की अथक मेहनत और संकल्प-शक्ति का आज देश साक्षी बना है। उनसे संवाद कर अत्यंत प्रसन्नता हुई है।”
कर्तव्य भवन विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसे गढ़ने वाले हमारे श्रमयोगियों की अथक मेहनत और संकल्प-शक्ति का आज देश साक्षी बना है। उनसे संवाद कर अत्यंत प्रसन्नता हुई है। pic.twitter.com/xxf4WyBE5K
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2025
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने ‘कर्तव्य भवन’ में एक पौधा भी लगाया। पीएम मोदी ने लिखा, “‘कर्तव्य भवन’ के निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का पूरा ध्यान रखा गया है, जिसके लिए हमारा देश संकल्पबद्ध है। आज इसके प्रांगण में एक पौधा लगाने का भी सुअवसर मिला।”
‘कर्तव्य भवन–3’ केंद्रीय विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा है और यह आगामी कई सामान्य केंद्रीय सचिवालय भवनों में पहला होगा, जिसका उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों को एक ही छत के नीचे लाना है।
वर्तमान में, महत्वपूर्ण मंत्रालय पुराने भवनों जैसे शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन से कार्य कर रहे हैं, जो 1950 से 1970 के दशक में बनाए गए थे। ये भवन अब आधुनिक प्रशासनिक जरूरतों के लिए उपयुक्त नहीं हैं और इनका रख-रखाव महंगा है।