Tokyo पहुंचे दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली, जापानी प्रधानमंत्री इशिबा संग करेंगे शिखर वार्ता

Japan-Korea Relations: दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग शनिवार को जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचे, जहां वे जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ शिखर वार्ता करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना है।

यह वार्ता ली की आगामी वाशिंगटन यात्रा से पहले हो रही है, जहां वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। परंपरागत रूप से दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति अपनी पहली विदेश यात्रा अमेरिका को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन ली ने पहले टोक्यो का रुख कर अलग संकेत दिया है।

योनहाप न्यूज एजेंसी के अनुसार, यह ली और इशिबा की दूसरी मुलाकात होगी। इससे पहले दोनों नेता जून में कनाडा में हुए जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे।

टोक्यो आगमन से पहले जापानी अखबारों को दिए साक्षात्कार में ली ने कहा कि वे सुरक्षा और अर्थव्यवस्था दोनों क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के इच्छुक हैं। उन्होंने अपनी इस यात्रा को “भविष्य के लिए नींव मजबूत करने का अवसर” बताया। इस वर्ष कोरिया-जापान राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं।

ली ने कहा, “कोरिया-जापान संबंधों में सहयोग, टकराव और सहिष्णुता सभी पहलू शामिल हैं। हमें अधिक से अधिक पारस्परिक लाभकारी तत्वों की पहचान करनी होगी। कुछ नकारात्मक पहलुओं के कारण इन लाभकारी अवसरों को छोड़ना उचित नहीं होगा।”

यह भी पढ़ें…

भारत में अमेरिकी राजदूत के तौर पर सर्जियो गोर की नियुक्ति… ट्रंप ने की घोषणा

रविवार को राष्ट्रपति ली जापानी सांसदों से मुलाकात करेंगे और उसके बाद वाशिंगटन के लिए रवाना होंगे। वहां वे ट्रंप के साथ हालिया व्यापार समझौते और गठबंधन आधुनिकीकरण जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इस समझौते के तहत दक्षिण कोरियाई सामानों पर प्रस्तावित 25 प्रतिशत टैरिफ घटाकर 15 प्रतिशत किया गया है, जिसके बदले में सियोल ने बड़े निवेश और बाजार खोलने का वादा किया है।

यह भी पढ़ें…

Pakistan में अल्पसंख्यक नहीं महफूज, मानावधिकार संगठन का दवा बच्चियों को बनाया जा रहा निशाना

विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका चीन की बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए सियोल के साथ गठबंधन को पुनर्गठित करना चाहता है। इस प्रक्रिया में कोरिया में तैनात अमेरिकी सैनिकों की संख्या में कटौती पर भी चर्चा हो सकती है।

यह भी पढ़ें…

सीरिया में फिर बिगड़ सकते हैं हालात… संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी