थाईलैंड पूर्व पीएम थाकसिन शिनावात्रा को भ्रष्टाचार में 1 साल की जेल

थाईलैंड की सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर 2025 को पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा को भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के मामलों में दोषी ठहराते हुए एक साल की जेल की सजा सुनाई। यह फैसला थाईलैंड की राजनीति में शिनावात्रा परिवार के प्रभाव और उनके लंबे राजनीतिक करियर के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

थाकसिन शिनावात्रा पहले भी 2023 में विभिन्न भ्रष्टाचार मामलों में आठ साल की सजा भुगत चुके थे, जिसे बाद में राजा महा वजीरालोंगकोर्न ने घटाकर एक साल कर दिया था। हालांकि, अस्पताल में वीआईपी वार्ड में भर्ती रहने के कारण उन्हें जेल में वास्तविक समय नहीं बिताना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अस्पताल में बिताया गया समय जेल की सजा के रूप में नहीं गिना जा सकता और थाकसिन ने बीमारी का बहाना बनाकर जेल से बचने की कोशिश की।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के मामले गंभीर हैं और किसी भी राजनेता को कानून से ऊपर नहीं होना चाहिए। इस फैसले ने यह संदेश दिया कि न्यायपालिका स्वतंत्र और निष्पक्ष है और देश में किसी भी राजनीतिक दबाव के आगे झुकने वाली नहीं है।

फैसले के बाद थाकसिन शिनावात्रा ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं अब स्वतंत्र नहीं हूं, लेकिन मेरे पास देश और लोगों के लिए सोचने की स्वतंत्रता है।” उनकी बेटी और पूर्व प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने भी अपने पिता के प्रति समर्थन व्यक्त किया और कहा कि उनके पिता ने थाईलैंड की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

यह फैसला शिनावात्रा परिवार के राजनीतिक प्रभाव को लेकर चल रही लंबी कानूनी लड़ाई का हिस्सा है। शिनावात्रा परिवार के कई सदस्य पहले ही सैन्य तख्तापलट और न्यायिक निर्णयों के कारण सत्ता से बाहर हो चुके हैं। हाल ही में, उनकी बेटी पैटोंगटार्न को भी संवैधानिक अदालत ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था, जिससे परिवार की राजनीतिक स्थिति और कमजोर हुई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह निर्णय थाईलैंड की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण है और यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी नेता को कानून से ऊपर नहीं माना जाएगा। इस फैसले ने देश में राजनीतिक स्थिरता और न्यायपालिका की भूमिका को उजागर किया है।

  • कोर्ट: थाईलैंड सुप्रीम कोर्ट

  • सजा: 1 साल की जेल

  • अदालत का रुख: अस्पताल में बिताया गया समय सजा में नहीं गिना गया

  • राजनीतिक प्रभाव: शिनावात्रा परिवार की राजनीतिक स्थिति कमजोर

  • नीति और संदेश: कानून सभी के लिए समान

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