Bihar Politics: जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 20 वर्षों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उद्योग विस्तार को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। अब जब जनसुराज आंदोलन की धमक दिखाई देने लगी है तो सरकार चुनावी स्टंट के तौर पर नई उद्योग नीति बनाने की बात कर रही है।
प्रशांत किशोर मंगलवार को ऑडिटोरियम में आयोजित बिहार बदलाव इजलास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनसुराज के दबाव की वजह से ही सरकार ने पेंशन और मानदेय में बढ़ोतरी की है। यही नहीं, प्रधानमंत्री और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी अब पलायन रोकने की चर्चा करने लगे हैं।
सरकार पर आंदोलन कुचलने का आरोप
पीके ने हाल ही में मंत्री की गाड़ी पर हुए पथराव के संदर्भ में कहा कि पिछले तीन सालों में जन आंदोलनों और साधारण नागरिकों पर सरकार ने बेरहमी से लाठियां बरसाई हैं। लेकिन अब जनता की बारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगली बार जब नेता गांवों में जाएंगे तो लोग खुद उनका विरोध करेंगे।
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कैबिनेट विवाद पर तंज
कैबिनेट में मंत्री अशोक चौधरी और विजय चौधरी के बीच विवाद का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने इसे “लूट की लड़ाई” करार दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि अशोक चौधरी अपनी सांसद बेटी के साथ हेलिकॉप्टर से जिन कार्यक्रमों में जा रहे हैं, उसका खर्च कहां से आ रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जनता के पैसे से पहले से उद्घाटन हो चुकी योजनाओं का बार-बार उद्घाटन कराया जा रहा है।
अन्य राज्यों में भी फैलेगा जनसुराज
सभा में एमएलसी आफाक अहमद, जिला प्रभारी रविंद्र सिंह बेरूवार, कमराम अजीज, गुलरेज अख्तर, शमशाद अली, कुंदन पांडेय, कमलेश कुमार, सचिंद्र पांडेय और अनिल सिंह समेत कई नेताओं ने भी संबोधित किया।
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प्रशांत किशोर ने घोषणा की कि जनसुराज का संघर्ष केवल बिहार तक सीमित नहीं रहेगा। उन्होंने दावा किया कि देश के लगभग 50% हिंदू भाजपा के खिलाफ हैं और यदि उनमें से 20% भी जनसुराज के साथ आ गए तो यह लड़ाई जीती हुई मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि गांधी, लोहिया और कम्युनिस्ट विचारधारा मानने वाले लोगों ने आजादी की लड़ाई लड़ी है, जबकि भाजपाई उस संघर्ष में शामिल नहीं थे।
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