PM Modi on Trump Tariff: अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाए जाने से भारतीय निर्यातकों को बड़ा झटका लगा है। खासतौर पर कपड़ा, गहने, कारपेट, खाद्य पदार्थ और समुद्री उत्पादों के कारोबार पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है। कई व्यापारियों के ऑर्डर रुक गए हैं और उनका व्यापार लगभग ठप हो गया है।
ऐसे में सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही प्रभावित सेक्टरों के लिए राहत पैकेज की घोषणा कर सकते हैं।
अमेरिकी टैरिफ से निर्यातकों पर संकट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने भारतीय कारोबारियों के लिए संकट खड़ा कर दिया है। भारत से अमेरिका को सबसे अधिक निर्यात होने वाले सेक्टर जैसे कि कपड़ा, ज्वेलरी, कारपेट और सी-फूड पर सीधा असर पड़ा है। इन उत्पादों की कीमतें टैरिफ के चलते महंगी हो गई हैं, जिससे अमेरिकी बाजार में उनकी मांग अचानक घट गई। कई छोटे और मध्यम निर्यातकों के सामने बिजनेस बंद होने का खतरा पैदा हो गया है।
अन्य उद्योग भी प्रभावित
टैरिफ का असर केवल प्रमुख सेक्टरों पर ही नहीं, बल्कि चमड़ा, फुटवियर, कृषि और समुद्री निर्यात जैसे उद्योगों पर भी पड़ा है। इन क्षेत्रों से जुड़े लाखों लोगों की आजीविका पर संकट मंडराने लगा है। प्रभावित कारोबारी लगातार सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
सरकार से उम्मीदें
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि प्रभावित सेक्टरों को तब तक राहत दी जाए, जब तक कि वे नए निर्यात बाजार खोजने में सफल नहीं हो जाते। माना जा रहा है कि सरकार टैक्स रिफंड, सब्सिडी या विशेष पैकेज जैसे उपायों का ऐलान कर सकती है।
अमेरिका ने क्यों लगाया टैरिफ?
- अमेरिका ने भारत पर पहले 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था।
- अमेरिका चाहता था कि भारत रूस से तेल का कारोबार बंद करे, ताकि रूस की कमाई रुक सके और यूक्रेन युद्ध पर दबाव बनाया जा सके।
- भारत ने तेल का व्यापार बंद करने से इनकार कर दिया।
- इसके बाद अमेरिका ने अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ और लगा दिया।
इस तरह भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लागू हो गया।
भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव
टैरिफ विवाद के अलावा दोनों देशों के रिश्तों में और भी मुद्दों पर खटास आई है। अमेरिका का दावा है कि मई में पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष को रोकने में ट्रंप ने अहम भूमिका निभाई थी। ट्रंप का कहना है कि उन्होंने भारत को व्यापार रोकने की धमकी देकर युद्ध रुकवाया। भारत इस दावे को लगातार खारिज करता रहा है। माना जा रहा है कि यह विवाद भी दोनों देशों के रिश्तों में गिरावट का एक कारण है।
आगे की राह
भारत सरकार प्रभावित उद्योगों को सहारा देने और वैकल्पिक निर्यात बाजार खोजने की दिशा में काम कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राहत पैकेज जल्द घोषित होता है तो इससे छोटे और मध्यम स्तर के निर्यातकों को कारोबार बचाने में बड़ी मदद मिलेगी।
आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए जाने वाले ऐलान पर निर्यातकों की निगाहें टिकी हैं, जो उनके लिए संकटमोचक साबित हो सकता है।